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Purvanchali Yeshu Bhajans - Devotional Songs from Uttar Pradesh, India

by Ambika Prasad (Basti, UP)

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    The sweet tones of the Bansuri (North Indian Bamboo Flute) and the percussive beat of the Tabla and Dholak join with vocals from North India to bring you a devotional mix from the northern state of Uttar Pradesh, India.
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1.
टेक आज गावल जाइ हालेलूया झूम झूम के ... २ १ कमर हिलएई के ताली बजाए के यीशु जी आगे अपन सिरवा झुकाए के २ करुणा भलाई के उनके चंगाई के सब कुछ मिली जाई हथवा उठाई के ३ मानव रूप में आई के पापिन के बचाई प्रेम औरसच्चाई के महिमा बड़ाई के ४ कृसवा उठाई के खोपड़ी पर जाई के मौत के हराई के जीवन दिलाई के
2.
टेक आई गाईलाअब तू हमरे नगरी यीशु राजा हो ..........२ १ भरमत रहली हम यही माया के बजरिया , रात दिन रोवत झाखत बीतल उमरिया आई गाईला अब तू हमरे नगरी यीशुआ राजा हो .....२ २ नाही सुख चैन पावली केहू के संघरिया जहिया से मिले हमरे यीशुआ जी नासरिया आई गाईला अब तू हमरे नगरी यीशुआ राजा हो .........२ ३ पाई दर्शनवा मनवा कोईया घत फुलाई गाईला आई बीतल विपतियाअब तो दिल से भुलाई गाईला आई ..............२ ४ प्रभु के वचनीय सुनी दिलवा जुड़ाई गई ले तुम्ही मसीहा मोरे मन में समाई गाईला आई ...................२ ५ तोहरी दया से पाउली यीशुआ तोर डगरिया छुटी गेले भाई बन्धु शैतान के संघरिया आई ...............२
3.
टेक ................आइले प्रभु के ललनवा , जाने दुनिया सगरी ......२ १ तारा देखि पंडित लोग आये,ढूढे सारी नगरी तारा चलिके राह बतावे , बैतलहम के नगरी जाने दुनिया सगरी..........२ २ राजा के संदेश सुनावे, पंडित मिलिसब सघरी राजकुमार कहाँजन्मे हैं ,पता लगावा बखरी. ३ देखो मंत्री पता लगाओ राजकुमार भैय बखरी राज महल में ढूढन लागे, राज निवासी नगरी....................२ ४ ४ सरगदूत सब गंगन में नाचे ,झुंड-झुंड के संघारी सब मिलि गावे धन्य बोले मनावें, बैतलहम के नगरी......... २ ५ सरग दूत संदेश सुनावे, सुनो गडरिया हमारी मुक्तिदाता जन्मे है, आज दाऊद के नगरी......................... २ ६ बोले गड़रिये चलो देखने,हमसब मिलि संघारी, भेट चढ़ा के दर्शन पाके ,दिल जुड़ाई हमारी ...................२ ७ सरग दूत पंडितों से बोले, देव न राजा खबरी दर्शन पाकर भेट चड़ा के, लाऊट गये घर सघरी .........................२ ८ देर भईल तब राजा बोले पंडित दिए खबरी हेरोदेश तब गुस्सा होइगे मारे बच्चन के नगरी................२
4.
टेक.........बड़ी चला हो बड़ी चला हो , यीशु जी के पास मुसाफिर | १ कौड़ी कौड़ी माया बटोरे वः में लगीगई चोर जहाँवा तोरा धन हैं वहाँ है मनवा तोर | यही पर डरा छोर | २ पाप की नदिया आगम बहत है मिले न इसका छोर पाप अधर्म कई गठरी ३ जहाँ पर कीड़ा काई बिगाड़े बिगाड़े है सब कोई सरग राज में धन बटोरो बिगाड़ सके न कोई | ४ दास कहत सुनो भाई सन्तो कुछ न लागे मोल प्रभु यीशुआ चरण में लगो अपना जियरा खोल |
5.
टेक ................ बड़ा नीक लागे प्रभु यीशु के भजनिया दे दा दर्शनवा प्रभु लागल वा लागनिया | १ , सरग के छोडि प्रभु आये इस जहांनिया धनभाग भैईली सुनी हम कहानिया || २ , पापवाके हमारो संती भरलो तू भरनीया क्रूसवा पर प्राण दिहो कैइलो मोर तरनिया | ३, जब से हम आइली प्रभु तोहरे चरानिया छुटी गईले हम से शैतान के करनिया | ४, सुखवा में बितली हमार जिन्दगानिया बिसरे न दिल से प्रभु तोहर वचनिया | ५ ,आइली अरमान लैके तोहरे द्वरिया हम निर्बल पर फेर दा नजरिया |
6.
टेक ........बड़ा परेशान करेला दुश्मन ई,शैतानवा ... बयानवा का बताई भैया ................२ १ माया महिमा लालच लाई,मनवा देला उलझाई नाही समझ में आवे का करी पयानवा {....बयानवा ..२ . २, रोग बला डर भय लायी, मन में चिंता गईल समाई नाही नीक लागे अब ई जहाँनवा {...बयान वा ..२ ३, यह तो जन्म जन्म के बागी यीशु लहू से देबा दागी, पूरा नाही होई दुश्मन के अरमानवा {...बयानवा ..२ ४, माई बाप सखा सब भाई हम से गईले सब रिस्सी आई , दुश्मन होई गईले अपन घरनवा {...बयानवा ...२ ५, लावा मन तू दिलेरी, प्रभु के आवे में न देरी , जीवन अनंत कल के, करा तू ,पायनवा {..बयानवा .२ . ,६, सत से कमर के लेबा बाधी, धर्मी झिलिम से लेबा सजी, शुभ संदेश के जूता करा ग्रहनवा, {...बयानवा ........२ ७ आओं माई बाप बहन भाई, प्रभु के चरननशीश झुकाई, बनी जाई तोहरो आगबत और ठेकनावा {बयान..........२ ८, देबा यीशु की गावही चाहे टुक टुक उड़ी जाई, नाही बिसरी हम से यीशुआ के कहनवा {...बयानवा ......२ ९, जागत रहा प्रभु के साथ प्रभु वचन के लेला अपने हाथ, विनती हर दिन करा यीशु के शरनवा {...बयानवा....२
7.
टेक .. भजले भजले यीशु नाम ,तेरे सब बनेगें काम '.....२ १, यदि तू चाहे मुकित पाना और बचना प्राण शरन में आजा यीशुआ के होगा तेरा कल्याण | २ , माया मोह बिसर दे बंदे छोड़ जगत के प्रीत आया है जायेगा यही है जग की रीत | ३, क्रूस पर चढ़ के संकट सहके प्राण किया बलिदान अपना आत्मा हमको दिया और सिखया गान ४, जब लग तेरा प्यार है बंदे , है इस जग में वास प्रभुयिशुआ को तू अपना ले , होजा उसका दास |
8.
टेक ....बिन सद्गुर यीशुआ ,करम जाई फूटी ,आवा सद गुरु यीशुआ भरम जाई छुटी १ बुरी के बदले भलाई अपनावा मन मन्दिर में दियना जलवा नियरे न आई .,शैतान जाईरूठी ,..........बिन सदगुर यीशुआ २ मटी के पिजरा में ,अवगुण अपार बाय सब में समाई पाप, ई काल बाय मनवा फिरवा ,पिया जीवन घुटी ,.....बिन सदगुर यीशुआ ३ दिलवा में तोहरे, यीशुआ जी के वास हो , दुनिया के मलिक ,प्रभु यीशुआ साथ हो , मुफ्त में मुक्ती, लेबा अब लुटी ,......बिन सदगुर यीशुआ ४, मन के भरमवा , बंधन जाई छुटी , गुरु के वचनिया,अब नाही छुटी , यीशुआ के नाम हौवे, संजीवन बूटी ,......बिन सदगुर यीशुआ
9.
टेक .........................चला यीशु के सरनवा रे सुगना .....२ १, यीशु आइले यह जहानवा रे सुगना२ देहले क्रूस पर परनवा रे सुगना..२ २ कैइला प्रभु दर्शनवा रे सुग्गना .... २ भजला यीशु जी कै नामवा रे सुगना.. २ ३, लेला उतम बरदानवा रे सुगना.... २ मना हमारा कहनावा रे सुगना ... २ ४, चला प्रभु के समनवा रे सुगना.. २ पूरा होई है अरमनावा रे सुगना.. २
10.
टेक ......दान दाता यीशु जी , भिखरी सारी दुनिया .,......२ १, प्रेमी दाता पिता जी ,पापिन ,सारी दुनिया मुकितदाता यीशुआ जी ,आये यही दुनिया.......................२ २, जीवन दाता यीशु जी, मरियल यह दूनिया , मार्ग ज्योति यीशु जी , आधियारी यह दुनिया ,.....२
11.
टेक .........................धन्य धाम हमारो ..२ ध्यान करो अब हमारो ....२ 1, सरग पिता हमारो तू ही हो धाम हमारो ,..........२ २, पिता प्रेमी हमारो जगत से नेह लगाओ .,......२ ३, नाथ अनाथ के डाता तू ही हो जग के विधाता ,...............२ ४, जग रक्षक स्वामी तूही पालनहार हमारो ,........२ ५, सिरजनहार हमारो चारो धाम है तू हमारो ,.....२ ६, यीशुआ चरन आयो मुकित कुशल जग पायों ,.........२
12.
टेक ...................दिलवा में धाईले वचानियां भजनिया भईया सब जन गावा .....२ १, इहै जग हो होय प्रभु ,पिता का रचनियां मटिया से बनल रहले दोनों प्रानियां भजनिया भईया......२ २ , बड़ा परेशान हौवे ,,मनुष्य जनमिया , मौत ,बीमारी, सब कांटे, परेशनिया ,.................२ ३ मनाई रूप, यीशुआ लेहने ,जनमिया पापवा मिटावे, खातिर आईले जहनियां ,.................२ ४, क्रसवा के उपर, यीशुआ दिहले परानियाँ करा विश्वास आई , उनके सरनियां ,.......२ ५ पापी फिरावे, मन धर्मी फिरावे , करा शुध्द मन, पाईहो यीशुआ दर्शनिया ,............२ ६, हर दिन चढावा, धन्यवाद बलिदानवा, घर-घर सुनवा, प्रभु यीशुआ जी कथावा ..........२
13.
टेक ...........................दो दिन का जगत का मेला सब चला जात है अकेला ....२ { १,} कर पाप कपट छल माया { ३, } यह नश्वर सब संसारा धन लाख करोड़ कमाया कर भजन प्रभु का प्यारा संघ चले न एक अधेला ......२ बन प्रभु यीशुआ का चेला,............२ { २, } सूत नारी पिता न भाई { ४,} अब बदल दे अपना काया कोई अन्त सहायक नाही तुझ पर हो प्रभु की दया क्यों करे पाप से खेला .........२ अब छोड़ दे जग झमेला ,.......२
14.
टेक ...........................दुःख और मुसीबत उठाई ,बाय मगर यीशु जी तूहै न भुलाई बाय १,, कुरसवा पर तू ही तो दिहो है प्रानवा पापवा कै हमरे चुकायो सारा दामवा दिल से न तुहे विश्रैवाय............... २, तूही मुक्तिदाता जगतिया में आयो हमारा दुःख दर्द अपने सर उठाए कुरसवा के प्यार न भुलाई ......... ३, प्रेमवा के पाठ परभू तू ही पढ़यो मानव-मानव भेद नाही आयो तोहरे चरनिया में जीवन बिताई बाय ....... ४, पाप कै भार प्रभु तू ही उठाई जीवन के राज प्रभु तू ने बताई दुनिया में जाके बताई बाय ...........
15.
16.
टेक .................घर में रहा चाहे वनवा, में हो प्रभु यीशु के भजन कैइला मनवा में .....२ १, तोहरे मेहनत कै कमाई सब घर मिली खाई नाही जाई केहू तोहरे संघवा में ........२ २ , करवो केतनो जतन पाइवो दो गज कफन छुटी जाई सब धन यही जहंवा में ,.............२ ३ , करबो केतनो गरूर मरबा एक दिन जरुर नियाय होइहै परभू के आगनवा में ,............२ ४, कहत परभू के दस दास आवा यीशु के पास मुकिती मिलि जाई यीशु के सरनवा में ,.......२
17.
टेक ........हे भैया प्रभु के मनाई लो बीती जाई जिंदगानी ........२ १ , पापो से मनको फिराई लेव मिलि नई जिन्दागनी...............२ २ , यीशु को मन में बसाई लो फिर न मिलि जिन्दागनी .......२ ३ , प्रेम में जीवन बिताई लो न बोलो टेढ़ी बानी ...............२ ४ जीवन को उनमे लगाई लो होई अमर कहानी .................२ ५ , यीशु जी के मन में मनाई लो कटे सब परेशानी ,.................२
18.
टेक ..............हे प्रभु यीशु तोहर लहरे पताका.... २ लहरे पताका मोरे गाँव इलाका १ , बैरी शैतान, इधर उधर झाँका हे प्रभु यीशु तोहरे नाम से डाटा .........२ २. कुरसवा पर, शैतान कै किहो है तमासा , दियो जान , कुरसवा पर रहो तू प्यासा ......२ ३ , जब तक रहिहै, जीवन में सांसा, हम मिलि गाइब, तोहर गुनगाथा ..........२ ४ , अब यही दुनिया कै, तुही दिलासा , फैले तोहर नाम,यही है प्रयासा,...............२ ५, बिनती करत परभू ,तुमरो दासा, यही जीवन में, तोहरो आसा ,...........२
19.
टेक .........हे प्रभु यीशु मोरा काटा परेशानी......२ तोहरे चरनिया में हम आइल बनी .............२ १, हर दिन यीशुआ जी ,दुवा करत वानी, आगे पीछे कोई नाही , रखो पतिपानी,.............२ २ , कुरसवा पर प्राण दिहो, प्रेम कै निसानी . मरना जीना अब तुमही में ठानी ,.........२ ३ तू ही हमार परभू , तू है हम बखानी तोहरे पे ज्ञान ध्यान , हरो परेशानी .............२ ४, तोहरेके छोड़ नाही ,अब केहू है ज्ञानी , तन मन धन से, तु है हम जानी ,.............२ ५ , सरग के भेद्वा , बतावा मोहे ज्ञानी अब तो मसीहा परभू, तू है हम मानी..................२
20.
टेक ............जन्मे यीशुआ आजोर भयो जगमा , जन्मे यीशुआ आजोर भयो जगमा ...........२ १, सखिया सहेलारि ,सब मिलि गावय, गावे बजावे, दाविद घर आगना .......२ २, मोरे यीशुआ जी के, कमल जैसे हाथ है , फुलवा फुलाये ,द्विद घर आगना .........२ ३ ,यीशुआ जी के, मुखड़ा चाँद का टुकड़ा देखे योसेफ मेरियाम, भुलाई गई दुखड़ा ,............२ ४, यीशुआ जी के उपर,ईश्वर कै हाथ है , परम पिता जी कै, आशीष साथ है ..............२ ५ , नाचे धरती, मगन भैया गगना , बाजे बधैया , दाविद घर आगना .........२ ६ हम सब पापिन कै ,बड़ा धन भाग , युग युग जिये, जुड़ाये घर आगना .......२ ७, परभू जी से , विनती हमार यही आस है युग युग परभू,यीशुआ का साथ हो ..............२
21.
टेक .........जन्मे यीशु आनन्द भयो नगरी...........३ १, दूत नाचे गाये , बैतलहम के नगरी सुने है गड़रिये , जन्मे यीशुआ नसरी २, तारा देखि ज्योतिष, चले मिलि सघरी पहुचे सभी ज्योतिष, बैतलहम नगरी ३ , पाए राजा दर्शन, चढाये भेट सागरी पाए राजा दर्शन , लौटे अपने नगरी ४, आये राजा यीशु, बन गई हमारी बिगड़ी कैइला परभू दर्शन, सुधरी जाई सगरी ५, चलो यीशु चरन , ले लो सरग नगरी परभू यीशु हौवे ,जीवन कै डगरी
22.
टेक.............. तनी (जारा) सोचा ये भाई बनल संसार कैसे ? जग मग जोती जले फिर अन्हियर यैसे ..........? नाही सोचेला, मुरख नादान कैसे , सारी सृष्टी कै भैले,निर्मान अईसे ...............? १, पहिले पाहिले प्रभु, उजाला के बनावेला , बदिया में प्रभुजी , पनिया के अल्गावेला ओकरे बाद प्रभुजी, धरती समूद्र बनावेला प्रभुजी बनउले ,संसार यैसे ................. २, फुल बागिया में ,आइल बहार कैसे ? धरती पर भिन्न भिन्न ,ल पेड़ बनावेला , ओकरे बाद प्रभुजी ,नदिया के बनावेला , प्रभु जी बनौले संसार अईसे.........................., ३, तारा चमके आकाशवा उजार उसके बाद प्रभुजी गगनवा के सजावेला, गगनवा में ज्योति दोई बड़ी,बड़ी बनावेला , प्रभुजी बनौले संसार आइसे ..................जगमग ४, जलचर जलवा में करेला बहार कैसे ? उसके बाद प्रभुजी जल प्राणी के बनावेला , आकशवा में भिन्न भिन्न पंछी के बनावेला , बनौले संसार आइसे ....................जगमग ५, पशु प्राणी में आइल बहार कैसे ? उसके बाद प्रभुजी, पशु प्राणी के बनावेला , मानव को प्रभु अपने, हथवा से रचावेला, सारी सृष्टि कै भाईले, निर्माण आइसे ........जगमग
23.
टेक ..........जीवन भर यीशु जी क न भूलो उपकार .....२ १ सत कै साड़ी प्रेम कै लहगा विश्वास कै ओढ़नी सिरपर डरी २, कैइके सिगार प्र्भुआ के मनैबाय , बिगड़ा जीवन हमार बनिजाए ३, सरग जाबो सरग वासी कहईबो अरे प्र्भुयिशुअजी करिहै दुलार ४, प्रभुके दास पाँव यीशु के पड़ी है सत गुर सरन में गति मिलि जाए
24.
टेक { .थोथा }.व्यरथा है संसार भजन कर दुनिया में , जीवन है बेकार भजन कर दुनिया में ...२ १, बड़ी कृपा से नर्तन पाया , उसमे भी गुण ना गाया किया ना यीशुआ से प्यार २ माया में मन को बहकाया संघ न जाई तेरी माया कर न धन से तू प्यार ३, धन दौलत और माल खाजाना जिनको समझा अपना माना जायेगा हाथवा पसार ४, क्या लेकर तू जग में आया क्या लेकर तू जग से जाये करले तू सत कर ५, मुकिताश्वर के शरन में आओं सरग को अपना धाम बनाओ बुलाए हाथ पसार ६,पापो से तू मन को फिराए दिल में तू अपने प्रभु को बसाए यीशु जी को करो स्वीकार ७, प्रभु यीशु का गुण अब गाओ जीवन अपना धन्य बनाओ करेगा तेरा उध्दार
25.
टेक ...........जग में सुंदर है एक नाम छोड़ा यीशुआ सरग कै धाम १,भजले दिल से उसका नाम आय जीवन भर ऊ काम २, मुकित मिले मुफ्त बिन दाम अनन्त जीवन का है दान ३, उत्तम मधुर है मीठा नाम सब नामो में श्रेष्ठ है नाम ४, सरग के नीचे एक ही नाम धरती पर न दूजा नाम
26.
टेक .................काकरबो तू जगवा में पाई पाई जोरिके उड़ी जाई शुगनवा एकदिन पिजड़ावा के छोडिके l १ धन धरती के करन मनवा करेला बुराई लगी जाई कीड़ा काई चोरवा चुराई रहिजाई यही सब हाथवा बटोरके २, महल आटरी सब यही छुटी जाई माया के बजरिया तोहर सब लुटी जाई कमावा ना आई तोहर लाखो करोड़ के ३ माई बाप भाई बहिना घर ही में रोइहै सखियाँ सहेलियाँ से मिलीहूँ न पाईहैं चलीजाई एक दिन शुगना सबसे नातातोड़ी के ४, पालन शुगना एक दिन पिजड़ा से उडी जाई केतनो बोलावा फिर वापस नाही आई नाही ताकीशुगना नयनवा के खोलिके ५ पापिन के करन यीशुआ जगतिया में आइले मुक्ति मुक्त लै लो बड़ा फल पाई मनवा फिराला यीशुआ पर विश्वास लाई के ६ धरती पे मुक्ति मनवा लेबा बनाई कीड़ा काई चोर नाही केहू ई चोराई सरग में जाबो एक दिन जगतिया छोडि के
27.
टेक ................. कैइला यीशु कै भजनिया ये भईया सागरों जिनगी सफल होई जाई........२ नहके व्यर्थ करेला जिन्दागानिया एक दिन माटी में यहै मिलिजाई ..............२ १, प्रभु यीशु जी धरती पर आइले , अन्धा कोढ़ी के चंगा बनाउले, गुगे बहरीन,बोली बोलौलेन, क्षिनमें मुरदा के दिहले जिलाई २, बात माना तू परभू यीशुअ कै गले लगि जावो अपने परभूकै अपने चरनोयीशुआ जी लगाईहै सरग का भेद सब मिली जाई ३, पाप पछतावा अपने हृदय कै दिल में बसवा अपने परभू कै परभू नरक से तुम का बचाई है सरग धाम में तुम का बसाई है ४, न्याय करने परभू जगमे आइहै सारे मुर्दों. को परभूजी जिलाई है साथ भक्तन परभू लै जाई राज करबा यीशुआ के संघ जाई
28.
Kon Songati 03:49
टेक ..................कौन संघाती परभू बिना , जग मे १, भले दिना के, सब कोई साथी बन्धु सखा, सूत नाती बुरे दिना कोई, बात न पूछे बने प्राण के घाती २ कंचन द्वार हजारन, झूमत और हाथिन की पाती हे मानव मन अपना फेरो , सम्पति काम ना आती ३, नारी सब सुख पावती दिन प्रतिदिन हरसाती , धन बल बुध्दि घटे , कलह कलह करत दिन राती
29.
टेक ........................क्रूस पर लहू नदिया, बहिगै सुगम सब केहू नाहईला .....................२ १, यही लहू नदिया में , कोढ़ी नहाईले अरे सुबरन होइके गाईले २ यही लहू नदिया में , बांझनी नहाई ली अरे ललना लैके गईनी, अपने भवन ३,क्रूस लहू नदिया में , हमहू नहैली अरे छुटी गाईले, हमारो पाप भरम ४,क्रूस लहू नदिया में, तुमहू नहाईला अरे धूलि जाई मनवा के, पाप करम ५,क्रूस लहू नदिया है, पावन सुगम सब केहू नहाईला
30.
टेक........................,,कुरुसवा पे दैके परनवा पाप हरी लेहला हे यीशु १, यीशुआ के पास जब ,आन्हारा आन्हारा के आंखिया बनाउला...... २ यीशुआ के पास जब ,कोढ़ीयाँ कोढ़िया के आंखिया बनाउला ३ , यीशुआ के पास जब, दुखिया आइल दुखिया के दुखवा मिटाउला ४, यीशुआ के पास जब, समारी आइल दिलवा के भेदवा बताउला ५, यीशुआ के पास जब, पंडित आइले प्रेमवा कै पाठ पढ़ावला ६, यीशुआ के पास जब हम सब आइली तुरला पापवा श्रापवा
31.
32.
टेक .................खुसिया अपार जग में मचल बाय यीशु जी कै, भाईले जन्मवा नाय १, खुसिया अपार, गीत गावे सरग दूत सरग में बाजेला, बाजनवा २,यीशु जी कै नाम, आवे सरग लोक से परम पिता , कैइले आलनवा ३, होई है महान दाता , होई है मुकितदाता सभी ही कै , करिहै उध्दरवा नाय ४, छोड़ा गारुर, आवा प्रभु के हाजुर बानाई लेता सफल जन्मवा
33.
टेक .............महल आटरी प्रभू मनही न भावे , जन्म लिये है घर घारी हाँ....... ....यीशु नाम के भजो.....[२] १, देखी तराईयां ज्योतिष उवाल आकाशवा, कौनो घटना है बड़ी भारी...........हाँ यीशुआ २, चलो पता करी देखि तराईयां के जगत में आये है उधारी हाँ .......यीशु ३, वही तराईयां पीछे गाईले पुजारी , राजा महालिया पाधरी..हाँ ..............यीशुआ ४, कौनो महान राजा जन्मल मह्लियाँ दशर्न करब हम निहारी हाँ .......यीशु ५, सुनी वचानियाराजा खुश होई गैले, पंडित शगुन विचारी.हाँ .................यीशु ६, राजा महलिया में केहू न जनम ले, अजब है बात निराली हाँ .......यीशु ७,पंडित पुजारिन से राजा तब कहलन, पतवा लगावा यह संसारी हाँ ........यीशु ८, पतवा लगावा तब हम का बताईहाँ , दशर्न करब घर पारिवारीहाँ ......यीशु ९, चले पुजारी मिली सब एक संघवा , देखि तराईयां निहारी हाँ ...........यीशुआ , १०, देखि तराईयां प्रभु रहियां बतावेला , पहुचेला अब वही घारी हाँ ......यीशु ११, पाई दर्शनवा पंडित मनवा जुड़ाई गैइले, भेटियाँ चढ़ए मिलि सारी हाँ .....यीशुआ , १२, सोना लोहबान मुर भेटिया चढावले, घरवा के रहिया सिधारी हाँ ....यीशुआ , १३ ,नाही सन्देश राजा हेरोदेश पाईले हत्या करावे अंहकारी हाँ ....यीशु १४, मिरियाम योशेफ़ से दूत तब बोलल , मिसर के रहियां सिधारी हाँ .....यीशु १५, पाए सनेस राजा हेरोदेश मरी गई यरोश्लेम की में पाधरी हाँ ..........यीशु
34.
टेक ........................महिमा महान गुण गई ये मितवा बिना प्रभु कोई न सहाई ये मितवा राजा दिहले हुक्म चलाई १, सोने की मूरत बनवाई छ; हाथ मोटी साठ ऊचाई दुरा नाम में जघा रखाई ....बिना प्रभु २, वीना बाजे सरगी शहनाई तब देबा सर के झुकाई नाही राजा भट्ठी में डालाई ...बिन प्रभु ३, बीना बाजे सांरगी शाहनाई सब केहू देहले सिर झुकाई तीनो भक्त करेला ढिठाई .....बिन प्रभु ४, राजा तू हे कांव समझाई जेका हम भजिला खुद आई उनही के महिमा गुनगाई. ....बिन प्रभु ५ , नाही उपवास सिर झुकाई राजा तेरे हाथो से बचाई वही दिहौ हमका भलाई .......बिन प्रभु ६, आये जो पुरुष बन्धुवाई सिर नाही आपन झुकाई तीनो भक्त करेला ढिठाई ......बिन प्रभु ७, सतगुना भठ्ठी धधकाई प्रभु जन के देहले फेकवाई { फेकता पुरुष जरिजई.......बिन प्रभु } ८, देखि राजा गैइले घबराई तीन जन भठी में डालाई कहाँ से आये चार भाई ....बिन प्रभु ९, राजा उनके तब बुलाई भठे के अब बाहर आवा धन्य धन्यप्रभु मनाई .........बिन प्रभु १० करेला भक्तन कै बढाई प्रभु चरन में सिरझुकाई दानियाल प्रभु के मनाई ........बिन प्रभु
35.
Man Badlo 05:47
टेक ......................मन बदलो हो मन बदलो यीशु भजलो हो यीशु भजलो ........२ {१} यीशु जी आये है { ५,}जय जीवन पावोगे मुक्ति लाये है .....मन बदलो तन भायेगा मन गायेगा......मन बदलो {२} पाप करा स्वीकार , { ६} रीति जानोगे प्रीति पाओगे , जीवन देई है सुधार ...मन बदलो शांति पाओगे भक्ति पाओगे...मन बदलो {३} श्राप कट जाएगा , {७} प्रभु आयेगे तुहे ले जायेगा रोग हट जायेगा ...मन बदलो प्यार पाओगे आशीष पाओगे.....मन बदलो {४} पवित्रआत्मा पावोगे {८} दिल में यीशुआ को बसाओ सामर्थ दान पावोगे .....मन बदलो ख़ुशी आनन्द मनाओ .... मन बदलो
36.
टेक .........मन लगी गैइले हमारो , यीशु जी में हो १ जो सुख मिलि है यीशु भजन में वह सुख नाही अमीरी में २ भला बुरा सब सुन लीजिये कर गुणगान गरीबी में ३ प्रेम नगर की रह कठिन है ना करना गमारुरी हो
37.
टेक............................मन में बसों क्रूस धारी , निहारी तुहै, हाँ...हो ,,,,,,२ {१} यह जग में, ना कोई हिठा, {५} करुणा करन ,दया सुखसागर , ना बाटे पैठारी....... निहरी.............२ प्रतिदिन ,रहिया निहारी .........२ { २} यह दुनिया है ,बड़ा दुखदाई , {५} भक्त जनन के ,तुही सहाई खबर ले लो हमारी..... निहारी ....२ जिनगी तुमही, सुधारी..निहारी ...२ {३} पाप क्षमा, हम सब का कीजो , {६} दीनन के ,कृपाल मसीहा हम निर्बल, बलिहारी ......निहारी ...२ हम,सब कै ,आस तुम्हारी ....निहारी ...२ {४} तुम्ही हो प्रभु, यह जग पालक तुम्ही हो सुखधारी.... निहारी ........२
38.
39.
टेक ........................मंजिल को अपने सफल कर लो , थोड़ा, थोड़ा ,यीशु का भजन कर लो १, यीशु सरन जो आयेगा, मन में बड़ा सुख पायेगा, जीवन को अपने सफल कर लो ......थोड़ा .... २, यीशु को जो भी, अपनायेगा जीवन में बड़ा फल पायेगा यीशु को दिल में, ग्रहण कर लो..थोड़ा ... ३, यीशु से दिल , जो लगाएगा जीवन अमर, बन जायेगा यीशु को अपना गुरु कर लो ..थोड़ा ...
40.
टेक ...........................मिलन चली दूल्हा से दस कुवारी पांच नादनी मुरख पांच सायानी {१} पांच नादानी अपनी लेहनी मसाल हो तेलवा गई भुलानी ............मिलन {२} पांच सायानी अपन लेहनी मसाल अलग से तेलवा लेहनी बान्हि.......मिलन {३} दूल्हा के आवे में देर जब भाईले सब सखी लागी सुहातानी ......मिलन {४} धूम मची दूल्हा आधी रात आये पांचो मिलि करे आगुअनी ......मिलन {५} मुरख नादानी के तेल घटि गईले शहर में तेलवा गाईलानी............मिलन {६} पांचो सायानी गईली दूल्हा के संघवा अपन मसाल सँवारी..........मिलन {७} तब तक दूल्हा आइले दुवारे , बन्द होई गईले सब केवाड़ी ....मिलन {८} मुरख नादानी तब आइली दुवारे स्वामी अब खोला केवाड़ी .........मिलन {९} अन्दर से दूल्हा बोले झा.झाकरी तोहरा के हम नाही जानी ........मिलन {१०}येही नाते प्यारो प्रभु यीशु के जानो एक दिन होई हैए निगरानी....मिलन
41.
टेक .................मोर खबरिया लैला नाय माई मिरियाम के ललानवा , १, जनम भायो जब प्रभू यीशु कै, राज सुनी घबराइल , प्रभु यीशु के मारे खातिर अपन हुक्म चलाई देस में बच्चन के मारवाइन. मोर खबरिया लैला नाय २, तारा देखि पंडित लोग आये ,भेट साथ में लाये सोना, मुर, लोबान ,चढ़आके , अपन सीस झुकाई पाई यीशुआ दरशनवा जीव जुड़ाई गाइले नाय ३, पहिले बार काना में गईले मेरियाम कथा सुनाई मेरियाम बोली प्रभुयीशुवा, सरबत गाइल ओराई लागिजा परभू जी सहाई .मोर खबरिया लैला नाय ४, पानी भरा भरा मटका में , नौकर दिही लागाई जैसा परभू कहिहै तुम से ,वही काम फुरमाई बिगाड़ी दिहाले मोर बनाई , मोर खबरिया लैला नाय ५, मरा पड़ल कबर में लाजर ,परभू खबर सुनि आई लाजर लाजर हांक लगाके , दिहले लाजर के जिलाई दिहले मौत के हराई , मोर खबरिया लैला नाय
42.
टेक ..................निरास नाही होने देगें प्रभु {मसीहा} अपने जन को १, यदि तुम करोगे ,परभू की सेवा परभू जी देंगें, तुमको मेवा २, यदि तुम करोगे,पाप की सेवा पाप में मरोगे , जाओगे नरक को ३, कितनो संकट पड़े, इस तन को प्रभुजी है जो सवारे मोरे मनको ४, यदि मेरी आज्ञाको, तुम जो मानो एक दुसरे को प्रेम से सम्भालो , ५, यदि मेरी बातें, तुम में रहेगीं जो मांगो वह सब कुछ मिलेगीं ६, यदि तुम करोगे, आस प्रभु के बनके रहोगे दास प्रभु के
43.
टेक .........................ॐ जय जगदीश्वर हरे स्वामी जय परभु यीशु हरे १, परमपिता परमेसर, परमपवित्र है तू तू जग पालक दीनसखा तू रक्षक स्वामी २ परम धन्य परमेश्वर करुणा सागर जल थल नभ में तेरी महिमा तू अन्तरयामी ३,सर्वशक्ति समपन्न सदा, तू सर्व ज्ञानी आदि अनन्त राज्य है तेरी ,तू सृष्टिकर्ता ४ तारणहार तीनेक ईश्वर, तू जयवन्तकर्ता जोतिरमय परमेश्वर,, तेरी महिमा मै करता ५, पवित्रता से तू शोभित, राज सदा करता सर्वव्याप्त परमेश्वर, तेरी अजर अमर बाणी ६, मुत्यु लोक प्रभु आप पधारे, पाप विनाशक तू मृत्युजन्य यीशुआ आपही, दर्द निवारक तू ७ तू पुर्णा परमार्थ स्वामी , तुहै अंतरयामी परम पिता परमेश्वर , तू सब के स्वामी ८,मातपिता तुम मेरे, शरण पड़े किसके तुमबिन और ना दूजाकोई, आस करू किसके ९, दीनबन्धु दुखहरता, तुम रक्षक मेरे अपना हाथ बढाओ ,दुवार पड़े तेरे . १०विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा कष्ट हरो हम सबका ,देवो अब मेवा ११, जो गावे सुख पावे ,दुःख विनेश मनका सुख सम्पति घर आवे , कष्ट मिटे तनका १२ श्राधा भक्ति बढाओ, और सन्तन की सेवा तेरो हाथ जीवन की नईया, अब तू ही खेवा
44.
टेक ........पापिन करन यीशु लेहने जन्मवा खुशिया जग में अपार हो १, वही रे यीशु जी मधुर वचनिया सुनी लेबा अब धर ध्यान हो २, धईलाए मानुष तन जगवा में आइले शैतान भाईले बेहाल हो ३, कैइलाए जगत से अद्भुत नेहिया पिता पुत्र के देहलै पठाई हो ४, पाप कै दण्डयीशुआ, क्रूस पर सहलाए सबके लेहलाए बचाए हो
45.
टेक ...............................पर्वत पर यीशु जा बैठे , धन्य वचन सुनाये...नासरिया.| १, धन्य है जो मन के दीन हैं सरग राज दिलायेगे नसारिया २, धन्य है जो शोक में रहते है वे शान्ति पाएंगे नासरिया ३,धन्य है जो मन में नम्र है धरती के वे अधिकरिया ४,धन्य है जो धर्म के भूखे है उन्हें तृप्त करेगें नासरिया ५, धन्य है जो दया दयालु है दया वर्षे सारी उमरिया ६, धन्य है जो मन के पावन है वे दरशन पायेगे नासरिया ७, धन्य है जो मेल कराते है पिता पुत्र कहाये ता उमरिया ८, धन्य है जो धर्म के मरे है सुख चैन मिले सरग नगरिया ९, धन्य है जो निन्दाविरोध सहे खुश मग्न रहे प्रभु नगरिया
46.
टेक .............................प्रभु हमार हो, हमरे उतो अंग संग शैतान करता है, प्रभु हमको बहुत तंग १, पावनत्मा जी कर दो, शैतान को अंग भंग जीतेंगे हम परभू, पावन आत्मा के बल २, जीवन को कर दो, प्रभु यीशु लहू के रंग दिल में तू भरदो प्रभु आनन्द ख़ुशी के रंग ३, पापो से कर दो प्रभु , हम को तुही चंगे, जीवन को भर दो प्रभु , तूझसे येहि हैं माग ४, शैतान का तोड़ो बल , कर दो तू उसको नंग जीएगें हम अपने, प्रभु के संग संग
47.
टेक - प्रभु पेड़ तुम डाल उन मे बनें रहो, ईश्वर पिता किसान उन में बनें रहो १जो फल फले न डाल, उसको काँटा जाए जो फल फलेला डाल उसको छांटा जाए वे है सदाबहार उन मे बने रहो ....२ २ ताकि फले हजार, उन को रखा जाए डाल पेड़ बिन नाही ,उसमे फल उपाजाए जीवन है बेकार, उनमे में बने रहो ......२ ३ मुझ बिन तुम बेकार, कुछ कर ना पाए सुखा भाईल जो डाल, आग में झोका जाए पापी के है वे यार ....उनमे बने रहो .. २ ४ वचन मेरा आधिकार, तू शुद्ध हो जाए बना वचन,मे प्यार, बर मुहँ माँगा पाए किये है वे उध्दार ..उनमे बने रहो ....२ ५ पिता की महिमा है ,की तुम फल लाओ मानो आज्ञा प्रेम आनन्द पूरा होजाए करेगें बेड़ापार उनमे बने रहो ............२
48.
टेक........................ प्रभु यीशु आसरा तोहर, पार करा हमारी नेवारिया सब ही के आसरा तोहर पार करा हमारी नेवारिया १, जगमग ज्योतिया, जलेला दिन रातिया हरदम रहे उजियार,पार करो हमरी नेवरिया २,मनुषा के सब पाप के हरला कुरूस पर होइकै सवारिया ३ ,शैतान के प्रभु मारि भागौला मारि कै जीये कबारिया ४,छुई प्रभु आँचरा तोहर नीक करा हमारी बीमारिया ५ भकतन के प्रभु प्यार करत हैं दुश्मन कै करे उपकार ६,यीशु दास सरन तोरे आये विनती करत दिन रात ७, तुहैके छोडि कहाँ हम जाई आइली है सद्गुरु दुवारिया
49.
50.
[ सोहर ] टेक .............. प्रभु यीशु जी कै भाईले जन्मवा, तो अजब सुहावान हो राजा स्वरग से धरती पर आइले तो मानुष उध्दारकरन हो १, स्वर्ग दूत मंगल गावे कि खुशियाँ मनावे ला हो राजा सरग से चरनी में आइले तो मनुषा उध्दर कारन,...हो राजा सरग से धरती पर आइले, २, माघ पूस कै घोर आन्हियारिया,की आन्हियारिया ना हो लालना जन्मे है, बैतलहम नगरिया तो दाविद के बखारियां नहो....राजा स्वरग से धरती पर आइले ३, पूरब में उगल एक तराई, उगल एक तराई न हो तराई देखिक कै ज्योतिष आये करन राजा दरशन हो .....राजा स्वरग से धरती पर आइले ४, ज्योतिषी ढूढ़न लागे राजा, के महालियाँ राजा के महालियाँ राजा हमारा के पतवा बतावा कहाँ राजा जनमल हो .....राजा स्वरग से धरती पर आइले ५, एतनी वचनिया सुनी राजा , हेरोदेश राजा नाहो राजा हेरोदेश गैइले घबराई, कहाँ राजा जनमल हो......राजा स्वरग से धरती पर आइले ६,मंत्री जल्दी से पतवा लगावां, तो हमका बतावा , करब राजा दरशन हो, राजा स्वरग से धरती पर आइले , तो मनुषा उध्दार करन हो |
51.
टेक .................. प्रभु यिशु जी खुलल दरबार बायं, उनकै महिमा जगत में अपार बायं, १} यीशु यीशु भजले, से दुःख दूर होई , सागरों के जिनगियाँ के, पाप देहै धोई , मुक्ती देवे खातिर उनकै, आधिकार बायं ...२ २} आन्धन के आँख देहले, गुगन के बोली , शैतान के बन्धनको, यीशुआ ने खोली, चंगा करे खातिर उनकै, आधिकार बायं ...२ , ३} नाही चाही हीरा हमे ,नाही चाही मोतियां , हमका तू देदा प्रभु, अपन ज्योतियाँ , ज्योति देवे खातिर उनकै, आधिकार बायं .....२ ४} अबही से चेत अपन, मनके फिरवा अपने जिनगियाँ के, सफल बनवा शान्तिदेवे खातिर उनकै, आधिकार बायं....२ ५} सरग में जाये खातिर.एकही बा रहिया यीशुआ जी से लगाले तू नेहिया आनंतजीवन देवे खातिर उनकै आधिकार..बायं...२
52.
टेक.............................प्रभु यीशु कै कहनवा पुराईल मितवा प्रभु यीशु कै आवनवा नेराईल भईया.....२ १ चेला लोग प्रभु से पूछे कैसे जग ओराई ये.कर कवन, कवन,लक्षन हमका दे बताई २ प्रभु यीशु चेलानन से बोले सावधान होई जाई मेरे नाम के रूप में आकर बहुतो के भरमाई ३ युध्द युध्द चर्चा सुनबो तानिको ना घबराई ये सब होवे बहुत जरूरी तबो अन्त ना आई ४ जाति जाति औ राज्य राज्य पर सब मिल करे चढ़ाई जगह जगह अकाल भी पड़ीहै तब भूडोल आई ५ तुहका मारे खातिर लोगन तुहै देईहै पकाराई मेरे नाम के माने खातिर बैर भाव बड़ी जाई ६ तुहै क्लेश दियावे खातिर सब मिलि करे बुराई बहुत लोग तब ठोकर खांके आपस में भीड़ जाई ७ झूठे नबिया खड़े भये तब सब के दे भरमाई अधरम के बढ़ी जाये कारन प्रेम ठण्ड पड़ी जाई ८, अन्त समय तक धीरज धरबो उनकै उध्दार आई शुभ सन्देश जब जग में फैली तब अन्तआजाई ९, ईश्वरपुत जब जग में आये सूरज गयै आन्हाराई चांदा ज्योति खत्म भयो तब दिलवा गयै घबराई १० गगन के तारे धरती गिरिहै गगन शक्ति हिल जाई ईश्वरपुत जब गगनमें देखेऊ गगन बीच तबआई ११ ईश्वरपूत जब जग में आईहै जगतपूत घबड़ाई ईश्वरपूत सामर्थ में होकर बादल पर तब आई १२ बड़े शब्द के साथ प्रभु तब दूत तन के पठाई चारोदिश से अपने लोगन प्रभु जी लेईहै बुलाई
53.
टेक..............प्रभु यीशु कुरुसवा पर मरत प्यासा , १, आये प्रभुयिशुआ, किये जग वासा , पापवा श्रापवा कै, किये सर्ब नाशा,|...२ २, प्रभु यीशु कहेला , आओं मोरे पासा , धारो सब बोझ , करो विश्वासा |...२ ३, प्रभु यीशु हैं , अमर जालाशा पीओं जल अमृत पीओं बारह मासा....२ ४, यह जग मनुवा पड़ा मौत फाँसा मरके जीये यीशु किये मौत नाशा...२ , ५, निकले प्राण टूटी गई स्वाँसा यह जग में है यीशु जी आशा....२
54.
टेक............. प्रभु यीशु कहाँवां लागौव ली इतनी देर आवत में होई गैइले आंवेर १} एकदाई आवत रहली , मिरियाम भेटाई गैइली लाजर जियावत भाईले देर २} एकदाई आवत रहली कोढ़िया, भेटाई गैइले सुबरन करत भाईले देर ३} एकदाई आवत रहली आन्हरा भेटाई गैइले आंखिया बनावत भैईले देर ४} एक दाई आवत रहली पतरस भेटाई गैइले मछरी मारत भैईले देर ५} एकदाई आवत रहल सामरी भेटाई गैइली हाँ जी बातिया करत भाईले देर ६} एक दाई आवत रहली जक्कई भेटाई गैइले भोजन करत भाईले देर
55.
{ वैरागिया राग } टेक........................ प्रभु जी हमारा यही सृष्टि रचौवले, मटिया कै पुतला बनाई हरे १ यही रे पुतलवा में फुकेला सांसिया मनुषा भाईल तैयारन हो परमपिता जी एक बागिया लगावेला आदम में के देहले बसाई २ राहले आदम बाबा प्रभु जी के संघवा प्रभु के चरन गुनगाईन हो सब कुछ तोहरे अधीन यही जगवा , हंसी ख़ुशी जीवन बिताई ३ कहे तू ही आदम माना मोर वचनिया बागी बीचे पेड़ फल खायों छू न हो जेहि दिन बगीविच खाईबा फल पेड़वा वही दिन तू मरि जाई ४ पाइले आशीष आदम वही बागिया फूलो फलो जग भरिजाईंन हो कहें आदम जो रहबा मोरे संघवा जन्म सुफल होई जाईं ५ एक दिन आइले इबलीस बगिया हव्वादम के देहलै भरमाईन हो काउन वचन दिए प्रभु यही बगिया हमरा के देबा समझाई ६ बोली वचन तब आदिमाता हव्वा इबलीस के भेद्वा बताईन हो जेही दिन बागिबीच खाईबा फल पेड़वा जिनगी के देबा गवाई ७ कहे शैतान माना मोरी बातिया जब तू खाईबा बागिबीच फलवा पईबा तुही भला बुरा ज्ञानवा खुली जाई आंखिया, तू ईसर बनिजाई ८ सुनि शैतान वचन ही बगिया हव्वा ने फल तोड़ी खाईन हो खाई ह्व्वाद्म फल मन मारि गैई ले लाउके न अब कौनो ओर ९, परम पिता जी, आइले वही बागिया मनुषा के लागले, बुलाईन हो सुनत वचन ह्व्वाद्म, वही बागिया अपने के देहले छिपाई १० कहे तू ही मनुषा रे, खाईला फल बागिया अब तोरी, जोगिनी टेढ़हनी ना हो वाही दिन मानुषा रे, किये दुश्कमावा मौत के लेह लै कामा ई ११ हे शैतान बिगाड़ो, मोरी दुनिया अब तोरी मौत , नेरानी न हो देखि मानुष पुत , कुचे तोर सिरवा तोर पिड़ावा बढ़ी जाई १२ कहे तू ही त्रिरिया , तुरी मोर वाचनिया दुःख दर्द लेहालू , कमाई न हो रहावी आधीन , पति प्राण के नीचवा बच्चा जनत दुःख होई १३ कहे तू आदम मानैव , हव्वा बातिया धरती पर श्राप अब, आयो न हो करबा परिश्रम तब, अन्न पावो यही मटिया में मिलि जाई
56.
Prem Se Naam Le Lo Prabhu Yeshu Ka Sara Sankat Bala... टेक................................प्रेम से नाम लेलो प्रभु यीशु का , सारा संकट बला सर से टलजायेगा , १ नाव डूबी मेरी जो , है मझधार में , यीशुआ संघ है , तो सारा सम्भल जायेगा, चाहे शैतान तुम को, सताये अगर यीशुआ नाम से खदेरोचला जायेगा २ जो भी हालत तेरी, यीशु पास आ , अब न देरी करो, दिन निकल जायेगा आने वाला बला जो , है टल जाएगा , सारी बातो को तू ,तब समझ जायेगा, ३ आने वाला मसीहा , जब भी आयेगा सारी दुनिया की , हालत बदल जायेगा जो भी बिगड़ी है , वह बन जायेग प्यार भकित सदा, तब बदल जायेगा|
57.
टेक .................................रहना नही देशवा बिराना है १ प्रभु यीशु ही सब का ठेकाना है बिना यीशु, जिनगी बिलाना है २ प्रभ्रू यीशु पर ये दिल दीवाना है पावनात्मा के फल सजानाहै ३ पिता पुत्र से, सब को मिलाना है पावन वचन को, सब को सिखाना है ४ अपने पापो से ,मनवा फिरना है प्रभु यीशु पर, बिश्वास लाना है ५ प्रभु यीशु को, दिल में बसना है घर घर यीशुआ, दीप जालना है ६ दिन रात प्रभु को , मानना है भूले भटके को, रहिया बतना है
58.
टेक ........................सत यीशु के सत बलवान की देखो , जिससे हर गया शैतान ......... १ जल शुधि के बाद प्रभु जंगल में चले गये परीक्षा न करना तुम ईश्वर का कभी दुवा और आराधना करने में ठहर गये उसी वक्त शैतान जंगल में आगया यीशुआ के पास आकर वो लगा कहन सुन वचन हुआ हैरान की देखो {...हर गया...} २, इस पत्थरसे कह दो रोटी बन जाये, उसी वक्त यीशुआ ने शैतान से बोला लिखा जो वचन शास्त्रमें सुनलो ध्यान से इंसान केवल रोटी से नही जीता पर ईश्वरके वचन से इंसान जीता सुनकर वचन हुआ हैरान .देखो {...हर गया...} ३, कुछ समय के बाद शैतान आ गया यीशुआ को लेकर मन्दिर, कगुर पर खड़ा किया , यदि तू ईश्वर हो, तो मनो मेरा वचन , गिर जाओ इस, मन्दिर से निचे जाओ तुम , यीशु ने शैतान को, डाट कर बोला....सुनकर वचन सुन वचन हुआ हैरान की देखो {...हर गया...} ४ यीशु से मिलाने के लिये शैतान चल पड़ा दुनिया का सारा राज विभौव दिखाया है दे दूंगा सारी दुनिया को उनको बताया है एक बार यदि हमको प्राणाम करोगे ईश्वर छोड़ दूजे को प्रानाम ना करना सुन वचन हुआ हैरान की दखो {...हर गया...}
59.
टेक ..............सुखवा में बीती जिन्दगानिया हो कैईलो यीशु कै भजनिया १ यहूदा के छोड़ चले गालील की नगारिया , कुवना पर बैठेला नासारिया हो......कैईला २ पनिया भरन आई जाति की समारिया कुवना पर फेरैला नज़रिया हो .......कैईला ३ पानी प्यास लागे मांगे ला नासारिया, पनिया पियादा तू सामरिया हो .....कैईला ४ तू तो यहूदी हम जाति कै सामरिया कैसे पियाई हम पानिया हो .......कैईला ५ कौनो न रिश्ता होला यहूदी समारिया , कैसे के आई हम संघरिया हो.......कैईला ६ कहेला मसीहा सुन, हमारो वचानिया हम से तू पीले अमृत पानिया हो ....कैईला ७ नाही लोटा डोर, नाही तोहरे गगरिया गहरा कुवना आई, कहवा से पानिया हो...कैईला ८ याकूब पिता जी के, हौवे ई कुवानिया पीये परिवार पीये, सब पशु पनिया हो ....कैईला ९ कहेंला मसीहा सुन, हमारा वचानिया लागे न प्यास पीले हमारा से पनिया हो.....कैईला १० जाई बुलाई लावा अपन पति जानिया तब पीया हमारा से पानिया हो .........कैईला ११ बोलली समारी तब प्रभु से वचानिया नाही कोई पति मोरे संघिया हो ....कैईला १२ बोले मसीहा सुनी, समारी वाचानिया पांच पति की हो, उहो नाही संघीय हो .....कैईला १३ मानेली सच सुनी यीशु की वचानिया तू तो मसीहा नबी दिखेला निशानिया हो ...कैईला १४ जे तुह्से बात करे वही है नासरिया आई उध्दार देखो बेतलहम नगरिया हो ....कैईला १५ ढूढेला परम पिता, सच्चा पुजरिया आत्मा सच्चाई से, कैईला तू भजनिया हो ......कैईला १६ करा बिश्वास मसीहा बोलेला वचानिया सच्चे आराधक कै पिता ले खबरिया हो .......कैईला
60.
टेक .... सूना है जीवन यीशु जी बिना १,जैसे जल बिन नादिया सूना सूना है यह जीवन यीशु जी बिना २जैसे सूरज बिन गगन सुना सुना है यह जीवन यीशु जी बिना ३, जैसे कोयल बिन बाग़ सूना सुना है यह जीवन यीशु जी बिना ४ जैसे लालन बिन गोदिया सुना सूना है यह, जीवन यीशु जी बिना ५ ,जैसे फल बिन पेड़ सूना सूना है यह जीवन यिशुवा जी बिना |
61.
टेक ..............स्वर्ग और पृथ्वी का सारा आधिकार मेरा तुम जा कर करना प्रसार १, दूर दूर गाँवों और शहरों में जाना दीन दुखियो को सबको सुनना दे देना मेरा यह नाम ...........स्वर्ग और २,जाति जातियों में जाकर बताना यीशुआ जी का संदेश सुनना होगा तेरा कल्याण..........स्वर्ग और ३,यीशु के नाम से चेला बनाना तीनेक नाम से उन्हें नहलाना , होगा तेरा उध्दर......स्वर्ग और ४, दुःख और मुशिव्त से नही घबड़ाना जीवन में अपने हिम्मत बाधना जगत के अन्त तक रहुगा साथ...... स्वर्ग और ५, जो सिखा है सब को सिखाना देखा जो भी सब को बताना दे देना हमारा प्यार ............स्वर्ग और
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टेक ............................ स्वर्ग के छोड़ी यीशु आये संसारी स्वर्ग दूत कराला बड़ाई .......हाँ यीशु नाम के भजो १, पहिले पहिले यीशु काना में गईले हो, पनिया कै दाखरस बनाई.... हाँ यीशु नाम... २ २,एक दाई प्रभु यीशु मन्दिर में गाईले हो कैईले वचन की प्रचारी...हाँ यीशु नाम ३ सुनत वचन सब, लोग खिसियाने हो काँव पंडित, काँव पुजारी....हाँ यीशु नाम... ४,आठारह वर्ष से, बीमार महतारी हो , यीशु दूर किये दुर्बलता की सारी...हाँ यीशु नाम... ५, तुरन्त बीमारी सब, दूर होई गाईले हो करे लागी यीशु की बड़ाई ...हाँ यीशु नाम... ६ तीन दिना बाद यीशु कब्र्र पर गईले हो जियावे लाजर के पुकारी ....हाँ यीशु नाम... ७ वही बहिन भाई वही महतारी हो दिल में वचन जे उतारी ...हाँ यीशु नाम... ८ भोजन हमार अब ये ही है प्यारो पूरा करो पिता इच्छा सारी ...हाँ यीशु नाम...
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टेक ........ स्वर्ग के छोडि यीशु दुनिया में आई गईले अमृत वाणी प्रभु सब के सुनाई गईले १ पाप के बोझ यीशु क्रूस पर उठाई गईले सरग के राह यीशु मारि कै बनाई गईले.....सरग २ क्रूस कै मौत देखि , शैतान शरमाई गईले | पावनात्मा कै दान , सब कै दिलाई गईले........ स्वर्ग.. ३ तीन दिना कै मुरदा, जी कै दिखाई गईले , आइबे जरुर हम, सब के बताई गईले....... स्वर्ग... ४ कोढ़ी अपाहिज के, चंगा बनाई गईले , मारल लाजर के , क्षण में जिलाई गईले...... स्वर्ग... ५ भूलल भटकल, रहिया बनाई गईले , आन्हारन के आँख, बहिरनके सुनाई गईले...... स्वर्ग ... ६ लेजाईबै जरुर यीशु, कहिकै सुने गईले , यीशु वचन अब , मन में समाई गईले..... स्वर्ग...
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टेक .......तोर दिला चाहे यीशु से नाता जोड़ ले १ जन्म युगत की मैली चुंनारिया यीशु लहू में, तू बोर ले २ सब सुख मिलिहै यीशुआ भजन में चाई, चुगालाई कुटलाई, सब छोड़ीं दे ३ जब दिल चाहे, यीशु मिलन को ज्ञान की गुदारिया, अमृत रस बोरिले
65.
टेक ...............यीशुजी के लेबा अब मानी हे भईया तोहरो बनी जिंदगानी १ पावनात्मा के तू रीति अपनावा प्रभु यीशु से तू नेहिया लगावा यीशु जी की महिमा बखानी २ पापवा से अपने तू मनवा फिरावा प्रभु यीशुआ के तू दिल में बैठावा छुटी जाई कुलि पारेशानी ३ रात दिन ध्यान करा प्रभु के वचनावा पापवा में डूबलबा सगारो जहाँनावा यीशु जी से नाही कोई ज्ञानी ४ जिन्दागी तो बीतिगईले अंधविश्वास में यीशु के बसाई लेबा हर एक श्वास में छोड़ीबा ढोग बेईमानी ५ मनाई मनाई कै भेद मिटिजाई है सफल बनाई लेव अपन जिंदगानी यीशु जी के लेबा अब मानी ६ यही शैतान हो ढाहावेला सितामवा हत्या व्याभिचार करावे दुष्ट कामवा दुष्टा के लेबा पाहिचानी ७ प्रेम ही सब कुछ होला जाने जहानावा फुटवा के जिन्दगी लागेला मसनवा कहे दास बतिया के छानी
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टेक ,................यीशु आई गये हमारे जहानवामें ..................प्रभु आईगाइन प्रभु स्वर्ग से आई न हमसे नेहिया लागईन १ पाप बोझ हमार दिहिन हम से उतार पाप करा इकारार जीवन देई आहे सुधार २, प्रेम पाठ पढाईन क्षमा ज्ञान सिखाईन मोरा दुखवा उठाई न उन्हें कुरूस पर चढ़ाई न ३ पावनात्मा पठाइन समर्थ हम का दिलाई न सुख शांति दिलाई न धन्य मुकिती दिलाईन ४ करा उनकै बखान धरा दिन रात ध्यान करा उनही कै आस रहबा उनही के पास ५ कहते प्रभु कै दास करा उन पर विश्वास नाही होबा उदास यीशु आइगाईन हमारे जहानवा में
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टेक .................. यीशु बैठाल बाटे, स्वर्ग लोक में जाइके महिमा रूप बनाई के नाय १, जब हम हो हैरान तब प्रभु आप लियो अवतार लेहाला पापिन के बचाए, यीशुआ जग में आईके बालक रूप बनाए के नाय २ जब प्रभु आप लियो अवातार तब हीरोदेश भये बेहाल देहलै बच्चन के मारवाए क्रोध में आईके राजा रूप बनाई कै नाय ३ जब प्रभु आप कियो प्रसार तब सब लोग मचाए हाँ हाँकार दिहने तुम पर मुकदमा चालाए, हेरोदेश जाइ कै निन्दक रूप बनाई कै नाय ४, जब प्रभु किहो आचम्भित काम तब सब लोग भाये हैरान दिहले कुरूस पर चढ़ाए, खोपड़ी जाई कै पापी रूप बनाई कै नाय
68.
प्रभु यीशु हरे दुःख पीड़ा,.... सखी प्रभु यीशु हरे दुःख पीड़ा 1.गूंगा बहिरा ठीक कियो है आन्धो को नैना दीना 2. कोढ़ी लुंज्जा ठीक भयो है हरै पाप दुःख पीड़ा 3. भय चिन्ता सब दूर कियो है धरा तू मन में धीरा 4. दुखियो के दुःख दूर करत है खुशियों से भर पूरा 5. डूबत नईया चेलन के बचायो पहुंच गयो अब तीरा 6. मौत के जाल से प्रभु छुडावे , शैतान कै बन्धन तुरा 7. पाप हरै लैय श्राप हरै लैय अरे हरै लैय मन कै पीड़ा 8. पावित्रात्मा प्रगट भयो है , निर्बल होय बल बीरा 9. जाने ना जो जन प्रभु यीशु के मानुष जन्म अधूरा 10. जे आपने पापो से मन कै फिरावे , जन्म लियो नया हीरा 11. जे विश्वास प्रभुयिशुआ पे लावे , बचे नरक के पीड़ा
69.
टेक …............. यीशु जी के लहू में नाहैबय तीर्थ करे कतुहू न जईबे १, अपने यीशु जी के मन में बैठाईबे सतगुरु के ध्यान ज्ञान गाईबैय २, हमरे यीशुआ जी की महिमा महान है उनही से नेहिया लागईबैय ३ हमरे यीशुआ जी दिल के बादशाह है उनके चरन में सिरवा झुकैबैय ४, हमरे यीशु जी पापो का क्षमादान है पापो से मानवा फिराई बैय ५, देह आभिलाषा को, कुरूस पर चढ़ाईबै डाह घमण्ड बैर दिल से मिटाईबै ६,पवित्रात्मा का आशीष बरदान है, यीशु जी कै दिल से मनाईबैय ७, प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, कृपा, भलाई विश्वास, नम्रता, संयम, मनमें, बसाईबैय , ८,यीशु जी के शाया में जीवन बिताईबैय आनन्द और खुशिया मनाईबैय
70.
टेक.....यीशुआ जी के महिमा महानवा हो जहाँनावा में सोर होई गाइल ..... १ मिरियाम से स्वर्ग दूत बोलेला वचानिया प्रभु देह धारी होई है मानी ला कथानिया यहै कैइले जग कै रचना वा हो ....२ २ सुनिकै वचन मिरियाम संकुचाली , मधुर वचन सरग दूत वा से कहली नाही बाटे पुरुष मोरे संघवा हो.....२ ३ सरग दूत उतर देके ,बोलेला वचानिया पावानात्मा उतारी, तोहरी बदानिया, सृजन हरा धरिहै नर तनवा. हो.......२ ४ आईले सरगदूत बोले ,आनन्द जयकारिया ईश्वर के अनुग्रह भाईले तोहरे द्वरिया, यीशुआ नाम रखा यही पिता कै कहानवा हो....२ ५ राज्य प्रभु सदा करे, याकूब के घरानिया उनकै राज बना रहै देखा यह जहानवा जो वचन प्रभु कहे पूरा हो अरमनवा हो......२ ६ ईलिशिबा के पुत्र होईहै यही है निशानिया मिरियाम मानी गईली,दूत कहनवा पूरा करे प्रभु जी कथानावा हो..... २ ७ येशुफ़ से सरग दूत बोलेला वचानिया बाटे आज्ञा प्रभुके तू माना कहानिया मिरियाम के लावा तू भवनवा हो .......२ ८ पाई सरग दूत कै ,येशुफ़ दर्शन वा भूली गईले अपने मन, कै सोचानवा मिरियाम के लाये, अपने संघवा हो ....२
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टेक ....................यीशु जी के मनबा, बड़ा फल पईबा, स्वर्ग में होई है बड़ाई.......कि वाह ,,वाह | १ सब स्वर्ग दूत मिलि गावे बजावे , स्वर्ग में धूम मचाई ...की वाह..२ २ सरग से यीशु जगतिया में आये, मानुष देह बनाई....... की वाह ....२ ३ कुरूस पर मारिकै प्यारे यीशु जी पापिन के लेहानै.बचाई ...की वाह ४ तीनदिना यीशुआ कबर में रहिके मौत उपर जय पाई ..की वाह...२ ५ जीके कबर से यीशु जी मोरे चेलो को दर्शन देखाई....की वाह.....२ ६ पवित्रात्मा के बल तू पईबा, शैतान देखि भागै परछाही...की वाह.....२ ७ देखि शैतान प्रभु यीशु की महिमा मुहा लिहिन लटाकाई ...की वाह ....२ ८ करबा बखान तन मन से यीशु के , शैतान कब्बो बगल न आई...की वाह...२ ९ भूख प्यास प्रभु यीशु निहारे उनके चरन गुनगाई...की वाह ...२ १० रोग बला नाही आवे किनारे यीशु जी से नेहिया लगाई ...की वाह ...२ ११ दिये आदेश प्रभु यीशु चेलन के सारे जगत में बताई ...की वाह...२ १२ जे अपने पापो से मनको फिरावे उनके पाप धूलि जाई...की वाह...२ १३ जो विश्वास प्रभु यीशु पर लावे जीवन अमर बनी जाई ...की वाह ...२ १४ जाति जाति कै चेला बनाओ त्रिएक नाम से नहलाई ...की वाह...२ १५ वाँह वाँह ...वाँह प्रभु यीशु की महिमा सरग जगत में छाई ....की वाह ...२
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टेक.................यीशुआ महान, हम यीशुआ, यीशुआ, भजबाए, स्तुति, धन्यबाद, हम यीशुआ, यीशुआ, भजबाए १ आन्हरान के आँख दिहले, कोढ़ियान के काया बाँझिन के पुत्र दिहले, निर्धन के माया...हम यीशुआ भजबाए २ केतनो दुखियावन के दुःख दूर कईलै यीशु हरे केतनो कैईलै उपकार. हम यीशुआ यीशुआ भजबाए, ३ चार दिनन कै सड़ाल मुरदा जियावले यीशु नाही जिये कै कौनो आस हम यीशुआ यीशुआ भजबाए ४ दुष्ट शैतानवा के खुलाल सब बंधन कुरुसवा पर कैईलै उपहास हम यीशुआ यीशुआ भजबाए ५ हम सब पापीयान कै पाप क्षमा कैइले यीशुआ हम सब कैईले उध्दार हम यीशुआ यीशुआ भजबाए |
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टेक..................यीशु जी मै तोहरे अरे भरोसावा दुनिया बिसारे बाटू हो नाय १ अईली मै तोहरे अरे शरानिया हमारो खाबरिया लेबा हो नाय....२ २ हम पापिन के हरो अब पाप दुःख औ श्रापवा हरो हो नाय .....२ ३ हमतो बाटी प्रभु निर्बल आज्ञानिया हमारा के ज्ञान बल देबा हो नाय.... २ ४ हम पर फेरो प्रभु अपनी नजरिया अपनी नजरिया फेरो हो नाय....२ ५ दुष्टा कै कामवा तोड़ा मोरे यीशु जी हथवा पासरे बाटी हो नाय.....२
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टेक.....................यीशु के भजन जो करते रहेगें उनके यीशु जी दुःख हरते रहेगें कोई विपदा आये उनपर टलते रहेगें उनके यीशु जी दुःख हरते रहेगें १ यीशु जी मेरे बड़े है निराले सारे जहाँके है वे रखवाले उनके हाथो से हम पलते रहेगें २ यशु के कुरूस पे ध्यान लगा लो बहा लहू यीशु का क्षमा उससे पालो उनके स्वारूप में, ढालते रहेगे ३, बोझ को अपने तुम यीशु पर डालो , दृष्टा को अपने मन से निकालो विश्वास से मांगो प्रभु देते रहेगे ४ यीशु को अपने दिलमे बसलो जीवन को अपने शुध्द बनालो उनके वचन पर जो चलते रहेगें ५, यीशु के चरनो में सीस झुकालो पावित्रात्मा को गले से लगालो पावित्रात्मा के फल फलते रहेगें
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टेक....................यीशुआ की बाणी देखो, जीवन आधारा हैं यीशुआ का लाहू देखो, अमृत का धारा है १ यीशुआ के कुरूस को देखो , प्यार का नजारा है यीशुआ के मौत को देखो , जग में वह न्यारा है २ कबर से जिया देखो , मेरा सहारा है पावित्रात्मा की सामर्थ , मेरा गुजारा है ३ जीवन नव जीवन देता , यीशुआ का नाम है यीशुआ का वचन देखो , दिल में वो प्यारा है ४ यीशुआ का वचन देखो , अद्भुत सन्देश है विश्वास जो उस पर करे , उसका उध्दरा है “Yeshua ka lahu dekho, Amrit ka dala hai” Chorus: Yeshua ki vaanee dekho, Jeevan aadhaaraa hai Yeshua ka lahu dekho, Amrit ka dala hai 1. Yeshua ke krus ko dekho, pyaar ka nazaaraa hai Yeshua ke maot ko dekho, jag me vah nyaaraa hai 2. Khabar se jiya dekho, Mera sahaara hai Paavitra Aatma ki saamarth, mera gujaara hai 3. Yeshua ka vahan dekho, adbhut sandesh hai Vishvaas jo us par kare, uska uddhara hai

about

The sweet tones of the Bansuri (North Indian Bamboo Flute) and the percussive beat of the Tabla and Dholak join with vocals from North India to bring you a devotional mix from the northern state of Uttar Pradesh, India.
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Purvanchali is the language located lingustically between Bhojpuri and Awadhi, spoken in Northern Uttar Pradesh.

Folk Tunes from Uttar Pradesh and Bihar are commonly interchangeable, with new and differing lyrics being used from community to community and from place to place. So in this region, it is very common to hear multiple songs, all with the same or similar tunes, but all on different topics or worshipping different deities.

Lyricist and Yeshu Bhakt Ambika Prasad (from Basti, Uttar Pradesh) has, in classic North Indian fashion, written new devotional lyrics, all set to traditional regional Folk Tunes.

The late Prem Shastri worked with Ambika Prasad and myself to organize a recording project in Allahabad (now Prayagraj), where professional Sound Technicians were flown in from overseas, and professional Allahabadi musicians were hired to produce the album seen here.

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PLEASE NOTE -
Any proceeds will go directly to the songwriter, Ambika.

$3 is given as the minimum price for downloading all 81 sound files. That is VERY little for a lot of songs!
This is to make the songs more accessible to those in rural northern Uttar Pradesh.
If you have the means to and are willing, it would be great for Ambika and family if you could give a larger amount of your choice.
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May God bless you with a fantastic day!

credits

released May 20, 2021

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about

Dr. Michael T Balonek Rochester, New York

PhD
(GBPSSI Allahabad, India).

Sangeet Prabhakar in Tabla (Prayag Sangeet Samiti, India).

MA in Ethnomusicology (Bethel University, USA).

BM in Music Education (SUNY Potsdam, USA).
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