At least 8 other renditions of this classic Aarti song exist. Some venerating one specific deity or another, some venerating simply Jagat-ishvar" - the "God of the World." This rendition of this beloved song was recorded in Allahabad, India and its use fills devotes with joy. Towards the end, listen for the sound of the conch shell, played on BANSURI (flute) by the great Ravi Shankar of Allahabad (now Prayagraj).
lyrics
टेक .........................ॐ जय जगदीश्वर हरे
स्वामी जय परभु यीशु हरे
१, परमपिता परमेसर, परमपवित्र है तू
तू जग पालक दीनसखा तू रक्षक स्वामी
२ परम धन्य परमेश्वर करुणा सागर
जल थल नभ में तेरी महिमा तू अन्तरयामी
३,सर्वशक्ति समपन्न सदा, तू सर्व ज्ञानी
आदि अनन्त राज्य है तेरी ,तू सृष्टिकर्ता
४ तारणहार तीनेक ईश्वर, तू जयवन्तकर्ता
जोतिरमय परमेश्वर,, तेरी महिमा मै करता
५, पवित्रता से तू शोभित, राज सदा करता
सर्वव्याप्त परमेश्वर, तेरी अजर अमर बाणी
६, मुत्यु लोक प्रभु आप पधारे, पाप विनाशक तू
मृत्युजन्य यीशुआ आपही, दर्द निवारक तू
७ तू पुर्णा परमार्थ स्वामी , तुहै अंतरयामी
परम पिता परमेश्वर , तू सब के स्वामी
८,मातपिता तुम मेरे, शरण पड़े किसके
तुमबिन और ना दूजाकोई, आस करू किसके
९, दीनबन्धु दुखहरता, तुम रक्षक मेरे
अपना हाथ बढाओ ,दुवार पड़े तेरे
. १०विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा
कष्ट हरो हम सबका ,देवो अब मेवा
११, जो गावे सुख पावे ,दुःख विनेश मनका
सुख सम्पति घर आवे , कष्ट मिटे तनका
१२ श्राधा भक्ति बढाओ, और सन्तन की सेवा
तेरो हाथ जीवन की नईया, अब तू ही खेवा
Wonderfully performed, orchestrated and mastered devotional music recorded by the Yeshu Satsang Toronto community in Toronto, Canada. Dr. Michael T Balonek